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Manoj Shrivastava Podcasts

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MSUVACH

Manoj Shrivastava

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Monthly
 
Manoj Shrivastava is an Author and self motivated leader. In this series of podcasts you will find a lot of Knowledge and Inspiration.
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show series
 
यदि आप चाहते हैं कि लोग आपको जानें, आपकी तारीफ़ करें और आपका सम्मान करें तो आपको कामयाब होना होगा। क्योंकि अपमान का बदला आप कामयाब होकर ही ले सकते हैं। इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि आज आप क्या हैं? किस स्थिति-परिस्थिति में हैं? जिस दिन आप कुछ बड़ा कर गुज़रते हैं ये दुनिया आपको सिर-आँखों पर बिठा लेती है। हमारे आस-पास हज़ारों ऐसे उदाहरण हैं, जिनसे यही …
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इंसान का जीवन अपार सम्भावनाओं से भरा है। हर एक में इतनी ताक़त है कि वह अपने जीवन को बेहतरीन और बेमिसाल बना सकता है। लेकिन हममें से ज़्यादातर लोग ख़ुद की क्षमताओं का ग़लत अंदाज़ा लगा लेते हैं और दूसरों की तुलना में ख़ुद को कमतर मान लेते हैं। उन्हें अक़सर लगता कि यदि कोई और आकर सहायता करेगा तो ही उनका जीवन-यापन हो पाएगा। जबकि इतनी सम्भावना हमारे भीतर है कि …
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जीवन में कितना कुछ मिला हुआ है, अक़्सर हमारा ध्यान उन चीज़ों पर नहीं टिकता। जो भी हमारे पास है उसे हम अपना अधिकार समझ लेते हैं, न तो हम उसके लिए कृतज्ञ होते और ना ही उसका आनन्द ले पाते। लेकिन हमारे जीवन में यदि कोई कमी है या कुछ नुक़सान हो गया तो उसकी शिकायत करते रहते हैं और अपना सारा ध्यान उसका अफ़सोस मनाने में लगा देते हैं, जबकि ख़ुश होने की ज़्यादा वज़…
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प्रतिस्पर्धा के दौर में हर कोई एक-दूसरे से आगे निकलने की अंधी दौड़ में लगा है। पद, पैसा, ऐशो-आराम हर कोई चाहता है। दिन भर हम दो और दो पाँच करने की कोशिश में लगे रहते हैं। काम की व्यस्तता में न खाने का समय है और न ही आराम का। एक बार काम मिल जाने के बाद कुछ भी नया सीखने और अपनी कुशलता को नई धार देने के बारे में हम सोचते भी नहीं। धीरे‌-धीरे हमारा शारीर…
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हमारी ज़िंदगी एक पाठशाला है, यहाँ हर दिन नए सबक़ सीखने को मिलते हैं। ज़िंदगी हर पल बदलती रहती है, यहाँ कुछ भी शाश्वत नहीं है। जो भी इस बदलाव को भाँप लेता है, एक नए सबक़ के साथ आगे बढ़ता है, वही जीतता है। जिस दिन हमने ख़ुद को सर्वज्ञाता समझ लिया, सीखना बंद कर दिया उसी दिन से हमारा पतन शुरू समझें। सफलता चाहिए तो अपना सीखने का एण्टीना हमेशा ख़ुला रखें, ज़िंदग…
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जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम परिस्थितिवश या फिंर बाहर की दुनिया की चकाचौंध में पड़कर ख़ुद को अपने मूल स्वभाव से अलग कर लेते हैं और नकारात्मक माहौल में शामिल हो जाते हैं। हमारे भीतर का ज़ोश और ज़ुनून धीरे-धीरे ख़त्म हो जाता है। एक पल ऐसा भी आता है, जब हमें लगने लगता है कि अब कुछ नहीं हो सकता सब ख़त्म हो चुका है। लेकिन यदि हम अपने भीतर की ताक़त को समेट…
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अधिकांश लोग अपने लिए कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं। उन्हें हासिल करने के संसाधन भी जुटा लेते हैं। लेकिन अक़्सर अपना ‘समय’ ऐसे कार्यों में लगाते हैं, जो उन्हें उनके लक्ष्य से दूर ले जाते हैं। और कई बार तो ऐसा भी होता है कि लाख कोशिशों के बाद भी मनचाहे परिणाम नहीं मिलते और वे अपना ‘धैर्य’खो देते हैं। वे या तो थककर बैठ जाते हैं या फिर अपना रास्ता…
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दुनिया में हर किसी का नसीब ऐसा नहीं होता कि ज़िंदगी में सब कुछ सकारात्मक और मर्ज़ी के मुताबिक़ हो। कई बार विषम परिस्थितियों के बीच ही जीवन गुज़ारना पड़ता है। कुछ लोग तो परिस्थितियों के साथ समझौता करके औसत से भी नीचे जीने का चुनाव कर लेते हैं। लेकिन कुछ लोग होते हैं जो उन्हीं परिस्थितियों से सीख लेकर औसत ज़िंदगी बिताने से इंकार कर देते हैं। अपने नज़रिए और …
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पद, पैसे और झूठी शान के बशीभूत होकर हम अपनी तारीफ़ सुनने के इतने आदी हो जाते हैं कि सच्चाई या तो हम देख नहीं पाते या सच्चाई से मुँह फेर लेते हैं। हमारे भीतर का अहंकार हमें इतना अंधा कर देता है, कि हम कुछ भी देखना और सुनना नहीं चाहते। जो भी हमारे अहंकार को ठेस पहुँचाता है वह दुश्मन नज़र आता है, फिर चाहे वह कोई अपना ख़ास ही क्यों न हो। यह अहंकार एक दिन …
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कई बार हमारे जीवन में ऐसे पल भी आते हैं, जब हमारा बना-बनाया सब कुछ एक ही झटके में ही बिखर जाता है। हमारा व्यवसाय, नौकरी, घर, परिवार या रिश्ता कुछ भी हो सकता है। ऐसे समय में हम अपनी क़िस्मत को कोसने लगते हैं या भगवान से शिकायतें करने लग जाते हैं। लेकिन वास्तव में कठिन परिस्थितियाँ, हमारे हौसले और समझ की परीक्षा हैं। ऐसे में हम किस तरह प्रतिक्रिया करत…
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कई बार जीवन में हम सबके साथ होता है कि हम कुछ ऐसी परिस्थितियों के भवँर में फँस जाते हैं, जिनसे निकलना असम्भव सा लगने लगता है। हममें से ज़्यादातर लोग बने बनाए ढर्रे में चलने के आदी होते हैं, लीक से हटकर चलने का ज़ोख़िम नहीं उठाना चाहते। जब हम सारे बने बनाए रास्ते आज़मा लेते हैं और परिणाम हमारी उम्मीद के मुताबिक़ नहीं मिलते तो हम थक कर बैठ जाते हैं और वही…
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जब भी हम कोई नया काम शुरू करते हैं तो अक़्सर हमारे आस-पास कुछ ऐसे नकारात्मक मानसिकता के रायबहादुर होते हैं, जो हमें हतोत्साहित करने की कोशिश करते हैं। हमारे काम में भविष्य में क्या-क्या परेशानियाँ और समस्याएं आ सकती हैं, गिनाने लगते हैं और हमारा हौसला तोड़ने की कोशिश करते हैं। भले ही उन्होंने जीवन में उस काम को न किया हो, या कोई दूसरा काम भी न किया ह…
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जीवन का दूसरा नाम ही संघर्ष है। लेकिन अक़्सर हम छोटी‌-मोटी उपलब्धियाँ हासिल करने के बाद ख़ुद को आरामपरस्त बना लेते हैं। अक़्सर हम भूल जाते हैं कि आरामपरस्ती एक लाइलाज़ बीमारी है। एक बार यह बीमारी लग जाय तो इससे बाहर निकलना आसान नहीं होता। आरामपरस्त व्यक्ति जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना नहीं कर पाते और अक़्सर टूट जाते हैं। इसलिए हमेशा कुछ न कुछ नय…
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जब हम पूरे मन से कोई सपना या लक्ष्य अपने लिए बनाते हैं तो ईश्वर और सारी क़ायनात उन्हें पूरा करने की साज़िश करते हैं। लेकिन ज़्यादातर हम ही राह में आने वाली मुश्किलों से घबराकर हथियार डाल देते हैं। ज़रूरत इस बात की होती है कि जब भी हम कोई सपना लें, पूरी दृढ़ता और आत्मविश्वास के साथ उसे पाने का प्रयास करें। लाख मुश्किलों के बाद भी उसे पूरा करके ही दम लें।…
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यह कहानी, रसेल एच. कॉनवेल की बहु-चर्चित पुस्तक एकर्स आफ़ डॉयमण्डस का सारांश है। यह कहानी लगभग हम सभी की है। जिस तरह हीरों का अकूत भण्डार किसान के क़दमों के नीचे ही उसके खेतों में मौज़ूद था लेकिन वह उन्हें पहचान नहीं पाया और दर-दर भटकता रहा। ठीक उसी तरह हम भी सफलता पाने के लिए अच्छे अवसरों की तलाश में भटकते रहते हैं। अक़्सर हम या तो उन अवसरों को पहचान न…
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जीवन में जब भी लगे कि चारों तरफ अंधकार ही अंधकार है, मन अशांत होने लगे, विश्वास डगमगाने लगे, लगे की हर तरफ नफ़रत ही नफ़रत है, जीवन में प्रेम बचा ही नहीं। तब भी हमें आशा का दामन थामे रखना चाहिए। उम्मीद की एक किरण ही काफ़ी है सारी दुनिया से अंधकार मिटाने के लिए। वक़्त कभी एक सा नहीं रहता। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/sh…
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थोड़ी सी समझदारी, मेहनत,लगन, इमानदारी, धैर्य और सद्व्यवहार इंसान के जीवन के ऐसे गुण हैं, जिनके सहारे कोई भी किसी भी क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर सकता है। किंतु आज लालच, बेइमानी, रातों-रात अमीर बनने की चाहत जीवन का पर्याय बन चुके हैं। नैतिकता तो जैसे गुज़रे ज़माने की बात हो गई है। इसीलिए चारों तरफ अशांति, दुख, हताशा, निराशा और पाग़लों की तरह एक-दूसरे से…
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हर इंसान के जीवन में उतार-चढ़ाव का दौर आता है। ज़्यादातर लोग मुश्किल वक़्त में हार मानकर घुटने टेक देते हैं। या तो अपना काम करना छोड़ देते हैं या काम बदल लेते हैं। वक़्त हमेशा एक सा नहीं रहता, जब स्थितियाँ बदलती हैं तब ऐसे लोग ज़्यादा बुरी स्थिति में आ जाते हैं। क्योंकि या तो आलस्य उनके जीवन का हिस्सा बन बन चुका होता है या समय गुज़र जाने के कारण उन्हें रा…
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वास्तव में अमीर वे हैं जो बहुत सारे पैसे के बज़ाय एक अमीर दिल के मालिक हैं। पैसे से तो कोई भी अमीर हो सकता है, लेकिन दिल से अमीर होना ज़्यादा महत्वपूर्ण है। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/manoj-shrivastava2/message
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हमारी समस्याएं ठीक इस पानी के गिलास की तरह होती हैं, वो जिस स्वरूप में आती हैं हमेशा उसी स्वरूप में रहती हैं, लेकिन हम जितने ज़्यादा समय तक उनका बोझ अपने सर पर उठाए रहते हैं, उनसे होने वाली तक़लीफें उतनी ही बढ़ती जाती हैं। समस्याओं से मुक्ति का सबसे आसान उपाय है, उन्हें पहचानना और यथाशीघ्र उनके बोझ से ख़ुद को मुक्त कर देना। हममें से शायद ही कोई ऐसा हो …
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यह कहानी लगभग हम सभी की है, जीवन की कठिनाइयों और दुश्वारिओं के कारण अक़्सर हम अपने ग़ुस्से पर नियंत्रण नहीं रख पाते और उत्तेजना में ऐसी बातें बोल जाते हैं, जिससे सामने वाले के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है और हमारी नकारात्मक छवि बन जाती है। हमारे शब्द भी कीलों की तरह आजीवन अपने निशान छोड़ जाते हैं। जीवन में कुछ चीज़ें, वापस नहीं लाई जा सकती हैं। इसलिए हमे…
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हम में से ज़्यादातर लोग अक़्सर ही शिकायत करते रहते हैं कि मेरे पास यह नहीं, मेरे पास वह नहीं, मेरी तो क़िस्मत ही ख़राब है। ईश्वर ने मेरे साथ ग़लत किया है। लेकिन हमारे पास जो है, उसके लिए कभी भी ईश्वर को धन्यवाद नहीं देते, हम बड़े बेग़ैरत हो गए हैं। यही वज़ह है कि दुनिया में ज़्यादातर लोग दुखी और परेशान हैं। जिस दिन हमारे भीतर धन्यवाद का भाव, अहोभाव का भाव आ…
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कहानी का सार यह है कि इस दुनिया में पर्याप्त से कहीं ज़्यादा सम्पत्ति है, इतनी कि सभी लोग सुखी रह सकें। लेकिन कब्ज़ा करने और इकट्ठा करने की ऐसी होड़ मची है कि यह असम्भव है। दुनिया आज इतनी सम्पन्न हो सकती है कि किसी को भी कोई अभाव न रहे, लेकिन, लेकिन कुछ लोग इतने पाग़ल और दीवाने हैं कि लगे हैं धन इकट्ठा करने में। धन के प्रति ऐसी आसक्ति विक्षिप्तता की नि…
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इस कहानी की सीख बड़ी सीधी और सरल है, जिस भावदशा और उम्मीद के साथ हम कार्य प्रारम्भ करते हैं,उसी भावदशा के साथ काम पूरा होता है और वैसे ही परिणाम मिलते हैं। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/manoj-shrivastava2/message
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कहानी छोटी सी है मगर सीख बड़ी है। हमें कभी भी किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए,ग़ुलामी और चापलूसी की आदत हमें आलसी बना देती है। जीवन में विषम परिस्थितियाँ कभी भी आ सकती हैं,लेकिन ऐसे लोग इस ग़लतफ़हमी का शिकार रहते हैं कि उनके साथ कभी भी ऐसा नहीं होगा। आत्मसम्मान, ख़ुद्दारी, पुरुषार्थ और हमारे भीतर का सकारात्मक विद्रोह हमें हर स्थिति-परिस्थिति से बाहर निकल…
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यह एक प्रतीकात्मक कहानी है। यह कहानी हमारे अवचेतन मन की शक्तियों की तरफ इशारा करती है। जिस तरह से कोई भी उस अंगूठी का उपयोग कर चमत्कारी परिणाम पा सकता था उसी तरह से हम अपने अवचेतन-मन के सहारे अपने जीवन में अद्भुत और मनचाहे परिणाम हासिल कर सकते हैं। लेकिन हमारा अवचेतन-मन अच्छे और बुरे में भेद नहीं करता, वह हमारे विचारों को हू-बहू ग्रहण कर लेता है और…
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जीवन में आने वाली हर बाधा अपने साथ एक सुनहरा अवसर लेकर आती है, लेकिन आलसी व्यक्ति जीवनभर शिकायतें ही करता रहता है और अवसरों को गवां देता है, जबकि परिश्रमी अपनी दयालुता और उदारता से बाधाओं में भी अवसर तलाश लेते हैं। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/manoj-shrivastava2/message…
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समस्याएं हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, यदि आपके जीवन में कोई समस्या नहीं है तो समझ लें आप ग़लत रास्ते पर हैं। ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि जब सारी समस्याएं ख़त्म हो जाएंगी तब ही कोई नई शुरुआत करेंगे, पर ऐसा कभी होने वाला नहीं। ओशो कहते हैं कि समस्या एक स्थिति है,उसके कारणों को समझना है। न तो उससे लड़ना है और ना ही उससे भागना है वरन उसे समझकर उसके साथ …
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हर इंसान के जीवन में ऐसे पल आते हैं जब हमारे सामने कई विकल्पों में से अपने लिये सर्वश्रेष्ठ का चुनाव करना होता है। परंतु भय और हड़बड़ाहट में हम ऐसे विकल्प को चुन लेते हैं जो हमारे लिए ठीक नहीं होता, जबकि यदि हम धैर्य और संयम से विचार करते तो बेहतर विकल्प चुन सकते थे। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/manoj-shrivasta…
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आमतौर पर हम सभी के जीवन में कभी न कभी ऐसा पल आता है, जब हमारा ख़ुद पर से विश्वास उठ जाता है, हमें लगने लगता है कि हमारे जीवन की कोई क़ीमत ही नहीं। हम सोचने लग जाते हैं कि हमारे साथ ही ऐसा क्यों होता है? लेकिन ऐसे समय में हमें एक प्रेरणा(Motivation) की ज़रूरत होती है, एक गुरू(Mentor) की ज़रूरत होती है जो हमें हमारी क़ीमत(Value) का ज्ञान कराए। "हम अपने आप…
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